UPTET Syllabus in Hindi: शिक्षा विभाग में नौकरी पाने के लिए प्रातिस्पार्धा बढ़ती जा रही है, तो वहीं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए कई परीक्षाओं का आयोजन भी कराया जा रह है। जिसमें से एक है उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) जिसके लिए आयोग द्वारा नोटिफेशन को जल्द ही जारी किया जा सकता है। जो युवा इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है, कि आप इसके सिलेबस और पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लें। ताकि आपको यह पता रहे किस विषय से कितने प्रश्नों आते हैं और कितने नंम्बर कि परीक्षा आयोजित होती है। अधिक जानकारी के लिए पूरे सिलेबस को पढें।
परीक्षा संचालन संस्था | उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड (UPBEB) |
परीक्षा का नाम | यूपीटीईटी परीक्षा 2025 |
परीक्षा का स्तर | पेपर-I (प्राथमिक स्तर)पेपर-II (प्राथमिक स्तर) |
परीक्षा का तरीका | ऑफ़लाइन (पेन और पेपर) |
प्रश्नों के प्रकार | बहु विकल्पीय प्रश्न |
प्रत्येक पेपर के अंक | 150 |
प्रत्येक प्रश्नपत्र में प्रश्नों की कुल संख्या | 150 |
यूपीटीईटी अंकन योजना | प्रत्येक सही उत्तर के लिए +1 औरगलत उत्तर के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं |
परीक्षा का समय | 2 घंटे और 30 मिनट |
परीक्षा का माध्यम | द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) |
आधिकारिक वेबसाइट | updeled.gov.in/ |
UPTET परीक्षा क्या है
यूपीटीईटी या उत्तर प्रदेश पात्रत परीक्षा (UPTET) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित परीक्षा है। इस परीक्षा में 1 से 5 और 6 से 8 कक्षाओं के अभ्यर्थियों को पढ़ने के लिए यह शिक्षक भर्ती कराई जाती है। इसके लिए पेपर – 1 और पेपर -2 को आयोजित किया जाता है।
यूपी टेट का एग्जाम कब होगा
आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि | अक्टूबर या नवंबर 2025 (संभावित) |
परीक्षा की तिथि | 29 और 30 जनवरी 2026 |
यूपीटीईटी परीक्षा के लिए शैक्षिक योग्यता
UPTET परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम 50% अंकों के साथ स्नातक डिग्री और बीटीसी/डीएलएड होना आवश्यक है या फिर न्यूनतम 50% अंकों के साथ इंटरमीडिएट और 4 वर्षीय बी.एल.एड. या बी.एड. डिग्री। बी.एड. या संबंधित डिग्री के अंतिम वर्ष में अध्ययन कर रहे उम्मीदवार भी पात्र हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अधिसूचना को देखें।
यूपीटीईटी परीक्षा पैटर्न 2025
यूपीटीईटी पेपर I और पेपर II दोनों के लिए परीक्षा पैटर्न को नीचे दिया गया है। UPTET लिखित परीक्षा MCQ परीक्षा पर आधारित होती है।
- उत्तर प्रदेश पात्रता परीक्षा (UPTET) के दोनों पेपर MCQ आधारित होंगे।
- पेपर I के लिए कक्षा 1 से 5 और पेपर II के लिए कक्षा 6 से 8 परीक्षा में दो अलग-अलग प्रकार के पेपर होते हैं।
- परीक्षा में प्रश्नपत्र कुल 150 अंकों के होंगे।
- प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा।
- यूपीटीईटी परीक्षा में कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- UPTET में 60% अंक लाने वाले अभ्यर्थी योग्य माने जाएंगे।
- UPTET परीक्षा कुल 150 मिनट की होगी।
प्राथमिक स्तर का पेपर – I
विषय | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक | परीक्षा का समय |
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 | 150 मिनट |
पर्यावरण अध्ययन | 30 | 30 | |
भाषा – 1 | 30 | 30 | |
भाषा – 2 | 30 | 30 | |
अंक शास्त्र | 30 | 30 | |
कुल | 150 | 150 |
उच्च प्राथमिक स्तर का पेपर – II
विषय | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक | परीक्षा का समय |
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 | 150 मिनट |
विज्ञान एवं गणित अथवा सामाजिक विज्ञान | 60 | 60 | |
भाषा – 1 | 30 | 30 | |
भाषा – 2 | 30 | 30 | |
कुल | 150 | 150 |
UPTET Syllabus for Paper 1
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | टॉपिक |
बाल विकास | परिभाषा, आवश्यकता और चरण: बाल विकास क्या है, यह क्यों जरूरी है, और इसके अलग-अलग चरण (जैसे बचपन, किशोरावस्था)।विकास के प्रकार: शारीरिक विकास, मानसिक विकास, भावनात्मक विकास, भाषा का विकास, अपनी बात कहने का तरीका (अभिव्यक्ति), और रचनात्मकता का विकास।विकास का आधार और प्रभावित करने वाले कारक: जैसे बच्चे में माता-पिता से मिलने वाले गुण (आनुवंशिकता) और उसका परिवेश (परिवार, समाज, स्कूल, टीवी-इंटरनेट जैसे संचार माध्यम)। |
सीखने का अर्थ और सिद्धांत | सीखने की परिभाषा और प्रभावित करने वाले कारक: सीखना किसे कहते हैं और कौन-सी चीजें इसे प्रभावित करती हैं।सीखने के नियम: थॉर्नडाइक के सीखने के नियम (तैयारी, अभ्यास, प्रभाव का नियम) और उनका महत्व।सीखने के सिद्धांत और कक्षा में उपयोग: थॉर्नडाइक का प्रयास और भूल का सिद्धांत, पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत (कुत्ते का प्रयोग), स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांत, कोहलर का सूझ का सिद्धांत (बन्दर वाला प्रयोग)।सीखने वक्र: सीखने वक्र का मतलब और प्रकार, सीखने के दौरान आने वाली रुकावट (पठार) का मतलब, कारण और उससे निपटने के उपाय |
शिक्षण और सीखने की विधियाँ | शिक्षण की परिभाषा: पढ़ाना किसे कहते हैं।शिक्षण के मूल तत्व: पढ़ाने के बुनियादी सिद्धांत।शिक्षण की विधियाँ और स्रोत: पढ़ाने के अलग-अलग तरीके (जैसे प्रोजेक्ट विधि, खेल विधि) और ज्ञान के स्रोत (किताबें, इंटरनेट आदि)। |
समावेशी शिक्षा: मार्गदर्शन और परामर्श | समावेशी शिक्षा: इसमें सभी बच्चे, चाहे उनमें कोई शारीरिक या मानसिक अंतर क्यों न हो, साथ में पढ़ते हैं।जाँच के तरीके: समावेशी शिक्षा की प्रगति को जाँचने के महत्वपूर्ण तरीके और उपकरण।विशेष शिक्षण विधियाँ: जैसे दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ब्रेल लिपि।मार्गदर्शन और परामर्श: इसका मतलब, उद्देश्य, प्रकार, तरीके, जरूरतें, और क्षेत्र।सहायता करने वाले विभाग/संस्थान: ऐसे संगठन जो समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देते हैं।सीखने में मार्गदर्शन और परामर्श का महत्व। |
पर्यावरण अध्ययन | परिवार, रहने का घर, भोजन, स्वास्थ्य और सफाई।हमारा पर्यावरण, पेड़ और पौधे, पानी।स्थानीय पेशे (काम-धंधे) और उनसे जुड़े लोग।खेल और खेल भावना।यातायात और संचार के साधन।भारत का भूगोल – जलाशय (नदी, समुद्र), पहाड़, पठार, जंगल।भारत की राजव्यवस्था – भारत का संविधान, शासन प्रणाली।पर्यावरण का महत्व, पर्यावरण की सुरक्षा, पर्यावरण के प्रति हमारी सामाजिक जिम्मेदारी, पर्यावरण कल्याण के लिए सरकारी योजनाएँ। |
सामाजिक विज्ञान | इतिहाससामाजिक विज्ञान शिक्षण विधि (पेडागोजी)भूगोलउत्तर प्रदेश से related प्रश्नसामाजिक और राजनीतिक जीवनअर्थशास्त्र और सामान्य ज्ञान (Static GK) |
विज्ञान | भोजन और पदार्थविज्ञान शिक्षण विधि (पेडागोजी)चीजें कैसे काम करती हैं (यंत्र और तकनीक)जीवों की दुनिया (पौधे और जानवर)लोग, यात्राएँ और विचारों का आदान-प्रदानप्राकृतिक घटनाएँ (बारिश, बादल, भूकंप) और संसाधनविज्ञान शिक्षण विधि (पेडागोजी) |
गणित | संख्या पद्धति और सरलीकरणगणित शिक्षण विधि (पेडागोजी)प्रतिशत और अनुपातविविध अंकगणित प्रश्नसमय, कार्य, गति और दूरीइकाई विधि (Unitary Method)लाभ और हानिबीजगणित और क्षेत्रमिति (Mensuration)औसत (Average)ज्यामिति (Geometry)सांख्यिकी और प्रायिकता (Statistics & Probability) |
भाषा ज्ञान (अंग्रेजी/उर्दू/संस्कृत) | |
1. अंग्रेजी (English) ये जहां से लिया है उसे इंग्लिश में ही कर दीजिए, क्योकि इंग्लिश में ही लिखा जाता है इंग्लिश को | शब्दभेद (Parts of Speech) – संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया विशेषण, विशेषण, संयोजन, सम्बन्धसूचक शब्द।काल (Tenses) – भूत, वर्तमान, भविष्य काल।कर्ता और विधेय (Subject & Predicate)अपठित गद्यांश (Unseen Passage)उपपद (Articles) – A, An, Theकर्तृवाच्य और कर्मवाच्य (Active & Passive Voice), प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कथन (Direct-Indirect Speech) |
2. उर्दू (Urdu) | मशहूर लेखकों और शायरों की जीवनी और उनकी शायरी की जानकारी।साहित्य की विभिन्न विधाएँ जैसे कविता (मज़्मून), कहानी (अफ्साना), निबंध (मकाला) आदि।माँ की तारीफ, कहावतें (अम्साल)।व्याकरण के नियम जैसे क्रिया (फेल), बहुवचन (जमा) आदि।संज्ञा (इस्म), सर्वनाम (जामिर), विलोम शब्द (मुतज़ाद अल्फाज़), पुल्लिंग (मोजक्कर), स्त्रीलिंग (मोअन्नस), विशेषण (सिफत), एकवचन (वाहिद) आदि।साहित्यिक अलंकार जैसे उपमा (तश्बीह), रूपक (इस्तारा) आदि के बारे में अध्ययन।विभिन्न सामाजिक मुद्दे जैसे पर्यावरण प्रदूषण, शिक्षा में असमानता आदि।कहानियों, हिकायतों और यादों में मौजूद सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझना।मुहावरे (Idioms)अपठित गद्यांश (Unseen Passage) |
3. संस्कृत (Sanskrit) | अज्ञात लिंग वाले शब्द (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग)।धातु रूप (क्रिया के रूप)।घर, परिवार, आस-पास की चीजें, जानवर, पक्षी, घरेलू उपयोग की वस्तुओं के संस्कृत नामों का परिचय।हमारे आस-पास की सामान्य चीजों को संस्कृत शब्दों में बताना।सन्धि और सन्धि विच्छेद (दो शब्दों के जुड़ने का नियम और उन्हें अलग करना)।संस्कृत की संख्याएँ (एक, दो, तीन…)।स्वर, व्यंजन, अनुस्वार और अनुनासिक व्यंजन।प्रसिद्ध कवियों और लेखकों की रचनाएँ और उनका परिचय। |
UPTET Syllabus for Paper 2
विषय | टॉपिक |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy) | बाल विकास की परिभाषा, आवश्यकता एवं अवस्थाएँ, शारीरिक, मानसिक एवं संवेगात्मक विकास, भाषा विकास एवं अभिव्यक्ति का विकास, रचनात्मकता का विकास।बाल विकास का आधार और इसे प्रभावित करने वाले कारक अर्थात् वंशानुक्रम एवं वातावरण (पारिवारिक, सामाजिक, विद्यालय, संचार माध्यम)अधिगम का अर्थ और सिद्धांत अधिगम की परिभाषा और इसे प्रभावित करने वाले कारकअधिगम के नियम – थॉर्नडाइक के नियम और इसका महत्वअधिगम के सिद्धांत और कक्षा शिक्षण में उनका व्यावहारिक कार्यान्वयन, थॉर्नडाइक का प्रयास और त्रुटि सिद्धांत, पावलव का अनुक्रियात्मक अनुबंधन सिद्धांत, स्किनर का क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत, कोहलर का सूझ/अंतर्दृष्टि सिद्धांत, व्यगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांतअधिगम वक्र – अर्थ और प्रकार, अधिगम वक्र में पठार का अर्थ और समाधान।शिक्षण और अधिगम विधियाँ शिक्षण की परिभाषा, शिक्षण के मूलभूत सिद्धांत, शिक्षण की विधियाँ एवं स्रोतसमावेशी शिक्षा: मार्गदर्शन और परामर्श समावेशी शिक्षा में सभी शारीरिक और मानसिक दक्षता अध्ययन शामिल हैंसमावेशी अधिगम की प्रक्रिया की जांच करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण और विधियाँ विशेष शिक्षण विधियाँ, उदाहरण के लिए ब्रेल लिपि आदि।समावेशी बच्चों के लिए मार्गदर्शन और परामर्श – अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकताएँ और क्षेत्रइस कार्य का समर्थन करने वाले विभाग/संस्थानअधिगम में मार्गदर्शन और परामर्श का मूल्य |
पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies) | परिवार, आवास, भोजन, स्वास्थ्य और स्वच्छता हमारा पर्यावरण, पेड़ और पौधे, जल स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति और व्यवसाय खेल और खेल भावना यातायात और संचार भारतीय भूगोल – जल निकाय, पर्वत, पठार, वन भारतीय राजव्यवस्था – भारत का संविधान, शासन प्रणाली पर्यावरण – महत्व, पर्यावरण का संरक्षण, पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्व, पर्यावरण कल्याण के लिए सरकारी योजनाएँ। |
इतिहास (History) | पुरापाषाण युग, ताम्र युग और लौह युगछठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारतमौर्य साम्राज्य, गुप्त काल, राजपूत भारत, पुष्यभूति वंश, दक्षिण भारत की रियासतेंदिल्ली सल्तनतमुगल साम्राज्यभारत में यूरोपीय शक्तियाँ और अंग्रेजी राज्य की स्थापनाभारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का विस्तारपुनर्जागरण और भारत में राष्ट्रवाद का उदयभारत का विभाजन और भारतीय स्वतंत्रता |
नागरिकशास्त्र (Civics) | हम और हमारा समाजग्रामीण और शहरी समाज और शासनजिला प्रशासनहमारा संविधानयातायात सुरक्षाकेंद्र और राज्य शासनभारत में लोकतंत्रदेश की सुरक्षा और विदेश नीतिवैश्विक समुद्र और भारतनागरिक सुरक्षाविकलांगता |
भूगोल (Geography) | सौरमंडल में पृथ्वी, ग्लोब – पृथ्वी पर स्थानों का निर्धारण, पृथ्वी की गतियाँ।मानचित्रण, पृथ्वी के चार परिमंडल, संरचना – पृथ्वी की संरचना, पृथ्वी की प्रमुख संरचनाएँविश्व में भारत, भारत का भौतिक स्वरूप, मृदा, वनस्पति और वन्य जीव, भारत की जलवायुभारत के आर्थिक संसाधन, यातायात, व्यापार और संचार।उत्तर प्रदेश – भारत में स्थान, प्रशासनिक विभाग, जलवायु, मृदा, वनस्पति और वन्यजीव, कृषिखनिज, उद्योग-व्यापार, जनसंख्या और शहरीकरणभू-आकृतियाँ, परिवर्तन करने वाले कारक। (आंतरिक और बाहरी कारक)वायुमंडल, जलमंडलविश्व के प्रमुख प्राकृतिक प्रदेश और जीवनखनिज संसाधन, उद्योगआपदा और आपदा प्रबंधन |
उद्यानिकी और फल संरक्षण (Horticulture and fruit conservation) | मृदा, मृदा निर्माण, मृदा परिष्करण, उपकरण, बीज, कम्पोस्ट खादसिंचाई, सिंचाई उपकरणबागवानी, बागवानी स्कूलझाड़ियाँ और बेलें, सजावटी पौधे, मौसमी फूलों की खेती, फलों की खेती, जड़ी-बूटी उद्यान,सब्जी की खेतीप्रवर्धन (पौधों का प्रसार)फल परीक्षण, फल संरक्षण – जैम, जेली, सॉस, अचार बनानाजलवायु विज्ञानफसल चक्र |
शारीरिक शिक्षा (Physical Education) | शारीरिक शिक्षा, व्यायाम, योग और प्राणायाममार्चिंग, राष्ट्रीय खेल और पुरस्कारलघु और मनोरंजक खेल, अंतर्राष्ट्रीय खेलखेल और हमारा भोजनप्राथमिक उपचारमादक पदार्थों के दुष्प्रभाव और उन्हें रोकने के उपायों का महत्व, खेल, खेल प्रबंधन और नियोजन। |
गृह विज्ञान (Home Science) | स्वास्थ्य और स्वच्छतापोषण, रोग और उनसे बचने के तरीके, प्राथमिक उपचारखाद्य संरक्षणप्रदूषणपाचन रोग और सामान्य रोगगृह प्रबंधन, सिलाई कला, धुलाई कला, खाना पकाने की कला, बुनाई कला, कढ़ाई कला |
विज्ञान (Science) | खाद्य और पदार्थविज्ञान का शिक्षाशास्त्रचीजें कैसे काम करती हैंजीवों की दुनियाचलती वस्तुएं, लोग और विचारप्राकृतिक घटनाएं और संसाधन |
गणित (Mathematics) | संख्या प्रणाली और सरलीकरणगणित का शिक्षाशास्त्रप्रतिशत और अनुपातविविध अंकगणितीय प्रश्नसमय, कार्य, गति और दूरीएकिक विधिलाभ और हानिबीजगणित और क्षेत्रमितिऔसतज्यामितिसांख्यिकी और प्रायिकता |
भाषा ज्ञान (Language Knowledge)1. अंग्रेजी (English) | शब्दभेद – संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया विशेषण, विशेषण, संयोजन, विस्मयादिबोधककाल (Tenses)कर्ता और विधेयअपठित गद्यांशउपपद (Articles)सक्रिय और निष्क्रिय आवाज, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कथन |
2. उर्दू (Urdu) | प्रसिद्ध कबीलों और कवियों के प्रसिद्ध जीवन और कविता का ज्ञानसाहित्य की विभिन्न विधाएँ जैसे मंज़ूम (कविता), अफ्साना (कहानी), मुरसिया (शोकगीत) आदि। माँ की प्रशंसा, कहावतें (अम्साल)व्याकरणिक नियम (तमीर और इराब आदि)संज्ञा (इस्म), सर्वनाम (जामिर), विलोम शब्द (मुतज़ाद अलफ़ाज़), पुल्लिंग (मोजक्कर), स्त्रीलिंग (मोअन्नस), विशेषण (सिफत), एकवचन (वाहिद) आदि।अलंकारों का अध्ययन जैसे उपमा (मुरातुन्ज़ीर), तस्बीह, रूपक (इस्तेआरा), संकेत (तल्मीह) आदि।विभिन्न सामाजिक मुद्दे जैसे प्रदूषण (आलूदगी) का वातावरण, शिक्षा में असमानता (तालीम में बराबरी का अभाव), सामाजिक मुद्दे (मुश्किलात) विश्वासों, कहानियों, हिकायतों और संस्मरणों में मौजूद सामाजिक और रचनाकार अकबर को समझनामुहावरेअपठित गद्यांश |
3. संस्कृत (Sanskrit) | अज्ञात (अव्यक्त) पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंगपुल्लिंग और स्त्रीलिंग के प्रत्ययघर, परिवार, परिवेश, जानवरों, पक्षियों, घरेलू उपयोग की वस्तुओं के संस्कृत नामों का परिचयहमारे आस-पास की सामान्य चीजों को निर्धारित करने के लिए संस्कृत शब्दों का प्रयोग।सन्धि विच्छेद (स्वर सन्धि और व्यंजन सन्धि)संस्कृत की संख्याएँस्वर, व्यंजन, अनुस्वार और अनुनासिककवियों और लेखकों पर निबंध |
4. हिंदी (Hindi) | हिंदी भाषा, व्याकरण, वर्ण, स्वर और व्यंजनविपरीतार्थक शब्दअनेकार्थी शब्द”सु” का प्रयोगवाक्य रचना (सरल, संयुक्त और मिश्रित वाक्य)विराम चिह्नों की पहचान और उपयोगवाच्य, लिंग और काल का प्रयोगतत्सम, तद्भव, देशज और विदेशी शब्दउपसर्ग और प्रत्ययशब्द योगसमास की विशेषताएं, और समास के प्रकारमुहावरे और लोकोक्तियाँसकर्मक और अकर्मक क्रियाएँसन्धि और सन्धि विच्छेद। (स्वर, व्यंजन, और विसर्ग)अलंकार (अनुप्रास, श्लेष, यमक, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति) |
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