Railgadi Mein Kaun sa Samas Hai : स्कूल से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक समास एक अहम हिस्सा है। समास अलग-अलग प्रकार के होते हैं। समास दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बने तीसरे नए शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाते हैं तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है। आज हम आपको रेलगाड़ी में कौनसा समास है? (Railgadi Mein Kaun sa Samas Hai) और इसका समास विग्रह क्या होता है के बारे में बताएंगे।
समास क्या है? (Samas kya hai)
समास दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने एक सार्थक शब्द को कहते हैं । जब समस्त-पदों को अलग-अलग किया जाता है, तो इस प्रक्रिया को समास-विग्रह कहते हैं।
रेलगाड़ी में कौन सा समास है? (Railgadi Mein Kaun Sa Samas Hai?)
रेलगाड़ी में अधिकरण तत्पुरुष समास होता है। इसमें दो अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा पद समास अर्थात नया शब्द या समस्त पद कहलाता है। उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
रेलगाड़ी शब्द का समास विग्रह?
रेलगाड़ी शब्द का समास विग्रह ‘रेल + गाड़ी’ अर्थात रेल पर चलने वाली गाड़ी होता है। जब हम सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करते हैं, तो उसे समास-विग्रह कहते हैं। विग्रह के उपरांत सामासिक शब्द लुप्त हो जाते हैं।
अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्न प्रकार हैं–
समस्तपद | समास-विग्रह |
आत्मविश्वास | आत्मा पर विश्वास |
घुड़सवार | घोड़े पर सवार |
नराधम | नर + अधम (मनुष्यों में निम्न कोटि) |
हरफनमौला | हर फ़न में मौला |
जलमग्न | जल में मग्न |
ध्यान-मग्न | ध्यान में मग्न |
पर्वतारोहण | पर्वत आरोहण |
मुनिश्रेष्ठ | मुनि + श्रेष्ठ |
वनवास | वन में रहने वाला व्यक्ति |
तल्लीन | तद् (उस) में लीन |
समास के कितने भेद हैं?
समास के 6 भेद होते है, जो निम्न प्रकार के हैं-
- अव्ययीभाव समास (Avyay Bhav Samas)
- तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
- द्विगु समास (Digu Samas)
- द्वन्द्व समास (Dwand Samas)
- कर्मधारय समास (Karm Dharay Samas)
- बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
FAQs
नवरात्र में द्विगु समास है।
दिवारात्रि में कर्मधारय समास है।
पार्वती शब्द में द्वंद्व समास है।
शिव शंकर में कर्मधारय समास है।
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