Panchmukhi Mein Kaun sa Samas Hai : स्कूल से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक समास एक अहम हिस्सा है। समास अलग-अलग प्रकार के होते हैं। समास दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बने तीसरे नए शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाते हैं तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है। आज हम आपको पंचमुखी में कौनसा समास है? (Panchmukhi Mein Kaun sa Samas Hai) और इसका समास विग्रह क्या होता है के बारे में बताएंगे।
समास क्या है? (Samas kya hai)
समास दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने एक सार्थक शब्द को कहते हैं। जब समस्त-पदों को अलग-अलग किया जाता है, तो इस प्रक्रिया को समास-विग्रह कहते हैं।
पंचमुखी में कौन सा समास है? (Panchmukhi Mein Kaun sa Samas Hai?)
पंचमुखी में द्विगु समास होता है। द्विगु समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और इसका दूसरा पद उसका विशेष्य होता है।
पंचमुखी शब्द का समास विग्रह?
पंचमुखी शब्द का समास विग्रह ‘पाँच मुखों का समाहार’ होता है। जब हम सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करते हैं, तो उसे समास-विग्रह कहते हैं। विग्रह के उपरांत सामासिक शब्द लुप्त हो जाते हैं।
द्विगु समास के 10 उदाहरण
द्विगु समास के 10 उदाहरण निम्न प्रकार हैं–
समस्तपद | समास-विग्रह |
चौराहा | चार राहों का समाहार/समूह |
त्रिवेणी | तीन वेणियों का समाहार |
त्रिभुवन | तीन भुवनों का समूह |
नवग्रह | नौ ग्रहों का समाहार |
दुराहा | दो राहों का समाहार |
पंचवटी | पाँच वट वृक्षों का समूह |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
अठन्नी | आठ आनों का समाहार |
त्रिफला | तीन फलों का समाहार |
पंचमुखी | पाँच मुखों का समाहार आदि। |
समास के कितने भेद हैं?
समास के 6 भेद होते है, जो निम्न प्रकार के हैं-
- अव्ययीभाव समास (Avyay Bhav Samas)
- तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
- द्विगु समास (Digu Samas)
- द्वन्द्व समास (Dwand Samas)
- कर्मधारय समास (Karm Dharay Samas)
- बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
FAQs
नवरात्र में द्विगु समास है।
दिवारात्रि में कर्मधारय समास है।
पार्वती शब्द में द्वंद्व समास है।
शिव शंकर में कर्मधारय समास है।
संबंधित अर्टिकल
उम्मीद है आप सभी पाठकों को पंचमुखी में कौनसा समास है? (Athaanni Mein Kaun sa Samas Hai) से संबंधित जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही और अधिक समास के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Shikshatak.com पर विजिट करें।