Kahasuni Mein Kaun sa Samas Hai : स्कूल से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक समास एक अहम हिस्सा है। समास अलग-अलग प्रकार के होते हैं। समास दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बने तीसरे नए शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाते हैं तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है। आज हम आपको कहासुनी में कौनसा समास है? (kahasuni Mein Kaun sa Samas Hai) और इसका समास विग्रह क्या होता है के बारे में बताएंगे।
समास क्या है? (Samas kya hai)
समास दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने एक सार्थक शब्द को कहते हैं । जब समस्त-पदों को अलग-अलग किया जाता है, तो इस प्रक्रिया को समास-विग्रह कहते हैं।
कहासुनी में कौन सा समास है? (Kahasuni Mein Kaun Sa Samas Hai?)
कहासुनी में द्वंद्व समास होता है। द्वंद्व समास में समस्त पद में दोनों पदों की प्रधानता होती है। वहीं ‘और’ शब्द का लोप हो जाता है। उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
कहासुनी शब्द का समास विग्रह?
कहासुनी शब्द का समास विग्रह ‘कहना और सुनना’ होता है। जब हम सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करते हैं, तो उसे समास-विग्रह कहते हैं। विग्रह के उपरांत सामासिक शब्द लुप्त हो जाते हैं।
द्वंद्व समास के उदाहरण
द्वंद्व समास के उदाहरण निम्न प्रकार हैं–
समस्तपद | समास-विग्रह |
राजा-रानी | राजा और रानी |
माता-पिता | माता और पिता |
दिन-रात | दिन और रात |
ऊंच-नीच | ऊंच और नीच |
छोटा-बड़ा | छोटा या बड़ा |
सुख-दुःख | ‘सुख और दुख’ |
हानि-लाभ | ‘लाभ और हानि’ |
अन्न-जल | ‘अन्न और जल’ |
अपना-पराया | ‘अपना अथवा पराया’ |
आगा-पीछा | ‘आगा और पीछा’ |
आचार-विचार | आचार और विचार |
आजकल | आज और कल |
आचार-व्यवहार | आचार और व्यवहार |
आटा-दाल | आटा और दाल |
उल्टा-सीधा | उल्टा और सीधा |
भाई-बहन | भाई और बहन |
समास के कितने भेद हैं?
समास के 6 भेद होते है, जो निम्न प्रकार के हैं-
- अव्ययीभाव समास (Avyay Bhav Samas)
- तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
- द्विगु समास (Digu Samas)
- द्वन्द्व समास (Dwand Samas)
- कर्मधारय समास (Karm Dharay Samas)
- बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
FAQs
नवरात्र में द्विगु समास है।
दिवारात्रि में कर्मधारय समास है।
पार्वती शब्द में द्वंद्व समास है।
शिव शंकर में कर्मधारय समास है।
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