How Ai is Changing Education : दुनिया को परिवर्तित करने वाली कई टेक्नोलॉजी में से एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) भी है, जिसको विकसित होने में कई दशक लगे और फिर अचानक ही दुनिया में छा गई। आज एआई हर क्षेत्र में परिवर्तन ला रही हैं, इसके साथ ही इसने शिक्षा में भी क्रांतिकारी संभावनाएं पैदा की हैं। देश की शिक्षा व्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- स्कूलों में पढ़ने वाले करोड़ों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना, जो भागौलिक सीमाओं, भाषाओं और विभिन्न संसाधनों से बंधी न हो, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिक्षक (टीचर्स) AI की सहायता से छात्रों के अनुसार उनकी पढ़ने व सीखने में मदद कर कर सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का लाभ उठाकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाया जा रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के विकास का इतिहास
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शब्द का जन्म वास्तव में 1951 में हुआ था, इसका उद्देश्य ऐसी मशीनों का निर्माण करना था,जो मानव बुद्धिमत्ता और समस्या का समाधान करने की क्षमता की नकल कर सके। वैसे तो आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का विचार बहुत पुराना है, जब प्राचीन फिलॉस्फर जीवन और मृत्यु पर विचार किया करते थे। पहले के समय में आविष्कारकों ने ऑटोमेशन नामक यांत्रिक वस्तुएं बनाईं, जो बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने आप स्वतंत्र रूप से चलती थी। ‘ऑटोमेशन’ ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है “अपनी इच्छा से कार्य करना”। हालांकि मशीनों का अपने आप काम करने की क्षमता का विचार बहुत पुराना है। आज यह हम सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जब वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने एआई के क्षेत्र में प्रगति कर ली है।
कोरोना में एआई का बढ़ा उपयोग
कोरोना महामारी ने डिजिटल शिक्षा को एक नया मोड़ दिया, जिसने देश की डिजिटल शिक्षा की कमजोरी और क्षमताओं दोनों को उजागर किया। महामारी में जब देश भर में सभी स्कूल बंद थे, तब सरकार ने व्हाट्सएप, गूगल क्लासरुम और वीडियो आधारित कई प्लेटफॉर्म शुरू किए। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2020 में जब पारम्परिक स्कूली शिक्षा रोक दी गई, तो लाखों परिवार डिजिटल शिक्षा की ओर मुड़े, जिसमें से कुछ लोगों ने व्हाट्सएप और यू ट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से पढ़ाई शुरू की, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए भी पढ़ाई सुलभ हो गई। निःसंदेश महामारी के समय ऑनलाइन शिक्षा पूरी तरह से तो सफल नहीं रही ,लेकिन इससे यह पता चला कि बड़े स्तर पर भी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में तकनीकी मददगार साबित हो सकती है।
बड़े पैमाने पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में AI के उपयोग के उदाहरण
भारत में बड़े पैमाने पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में AI के उपयोग से जुड़े कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-
How Ai is Changing Education : छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
AI के उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन आ गए हैं, इसकी मदद से छात्रों के हिसाब से भी निर्देश तैयार किए जा सकते हैं। जहां पहले पारम्परिक कक्षाओं में एकसामान गति से और पूर्व ज्ञान के आधार पर शिक्षण उपलब्ध कराते थे, वहीं इसके विपरीत AI प्रणालियां छात्र के स्तर का आंकलन करके उसी के अनुसार पाठ्यक्रम का रूप, कठिनाई और गति को बदल सकता है। उदाहरण के लिए, ग्रामीण छात्रों के लिए ‘माइंडक्राफ्ट’ नामक एक प्लेटफॉर्म है, जो गांव के छात्रों के अनुसार ही भाषा से जुड़ी मुश्किलें और भौगोलिक कठिनाइयों को दूर करके शिक्षण सामग्री उपलब्ध करता है।
How Ai is Changing Education : शिक्षकों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
शिक्षकों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रिकॉर्ड रखने और ग्रेडिंग जैसे दोहराए जाने वाले प्रशासनिक कार्यों को स्वचलित कर देता है, जिससे गैर शिक्षण गतिविधियों में लगने वाला समय बच जाता है, इससे शिक्षक अन्य अधिक महत्वपूर्ण गतिविधियों जैसे पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं और शिक्षकों के पढ़ाने की क्षमता भी बढ़ जाती है। इसके अलावा AI शिक्षकों को शिक्षण सामग्री और पाठ योजना बनाने में भी मदद करता है। मैकिन्से के अनुसार, “शिक्षकों का 20-30 प्रतिशत वक़्त तकनीक बचा सकती है, जिनका उपयोग पढ़ाने के काम में हो सकता है” ।
How Ai is Changing Education : मूल्यांकन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
पारम्परिक शिक्षा प्रणाली में एक निश्चित समय में शिक्षा का मूल्यांकन किया जाता है, जिसकी वजह से सुधार थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मूल्यांकन को स्वचलित करके, शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम करता है। इससे छात्रों को समय पर अपनी गुणवत्ता के बारे में चलता रहता है और वे उसमें सुधार कर सकते हैं। AI छात्रों के सीखने और आदतों के बारे में भी महत्वपूर्ण डेटा रखता है। जिससे छात्रों को बेहतर ढंग से समझने में और शिक्षकों को सीखने के तरीकों को अनुकूलित करने में सहायता मिलती है।
How Ai is Changing Education : शासन और तंत्र के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से आर्थिक रुझानों का अनुमान, सामाजिक चुनौतियों का आंकलन और विशाल डेटासेट का आंकलन करके डेटा संचालित नीति निर्माण को सक्षम बनाता है। सरकारें नीति प्रभावों का अनुकरण करने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर सकती हैं।
How Ai is Changing Education : समावेशी शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शिक्षा को वास्तव में समावेशी बनाने की नई संभावनाएं प्रकट करता है, जिस पर 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ने भी विशेष बल दिया है। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भाषा बाधाओं को दूर करके व्यक्तिगत सीखने का अनुभव प्रदान करती है। AI छात्र की गति के अनुकूल शैक्षिक सामग्री प्रदान करके व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है, इसके अलावा यह शिक्षकों के लिए सहायक उपकरण जैसे कार्य करता है, क्योंकि यह अधिक समावेशी और आकर्षक कक्षा बनाने में सक्षम है।
AI Tools for Learning List :
- Grammarly
- Canva
- ChatGPT
- Google AI Mode
- AI infrastructure
- Education Copilot
- Otter.ai
- Perplexity AI
- Quizizz
- AI coaching
- Amazon SageMaker
- Generative a i
- Magic School, Inc.
- NotebookLM
- Notion AI
- QuillBot
- Smart virtual assistants
- Synthesia
- TensorFlow
- 360Learning
- Apache Mahout
- BigML
FAQs
उत्तर: एआई विशाल मात्रा में शैक्षिक डेटा का विश्लेषण करके शिक्षकों को व्यावहारिक जानकारी प्रदान करता है।
उत्तर: एआई शिक्षकों को अपनी शिक्षण रणनीतियों को शीघ्रता से अनुकूलित करने, आवश्यक हस्तक्षेपों को लागू करने और छात्रों की समझ और प्रगति के अनुसार सामग्री को समायोजित करने में मदद करता है।
उत्तर: आइरिस” स्कूलों के लिए भारत के पहले एआई शिक्षक रोबोट का नाम है।
उत्तर: भारत का पहला एआई विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में स्थापित होगा।
उत्तर: देश का पहला घरेलू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करने के लिये बंगलूरू स्थित स्टार्ट-अप सर्वम का चयन किया है।
सम्बंधित आर्टिकल
उम्मीद है आप सभी पाठकों को How Ai is Changing Education से संबंधित जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही और परीक्षाओं के सिलेबस ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Shikshatak.com पर विजिट करें।

