Essay on Women's Day in Hindi

Essay on Women’s Day in Hindi: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस निबंध में जानें पिछले 5 सालों की थीम के साथ कई अन्य सवालों के जवाब

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के साथ दुनिया के किसी भी कोने में होने वाले भेदभाव को खत्म करके महिलाओं को समानता के साथ-साथ बराबरी का हक दिलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की तरफ ध्यान आकर्षित करके लोगों में महिलाओं के अधिकार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए बहुत से कार्यक्रम और कैंपेन का आयोजन किया जाता है। यदि आप महिला दिवस पर विस्तार से निबंध खोज रहे हैं, तो आप सही जगह आएं हैं हम इस लेख में आपको महिला दिवस पर विस्तार से निबंध लिखना सिखाएंगे-

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास: 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को पूरे विश्व भर में 8 मार्च को मनाया जाता है। सर्वप्रथम इस दिन को मनाने की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में बेहतर वेतन, काम के घंटे कम करने और वोट मांगने के अधिकार के साथ विरोध प्रदर्शन किया था।

इसके 1 साल बाद पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने की। लेकिन इसको अंतरराष्ट्रीय दिवस बनाने का विचार सबसे पहले क्लारा जेटकिन नामक महिला के दिमाग में आया था। उन्होंने 1910 में अपना ये आइडिया कोपनहेगन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑफ वर्किंग विमेन में दिया था। इस कॉन्फ्रेंस में उस समय 17 देशों से आईं 100 महिलाएं हिस्सा ले रहीं थीं। उन सभी ने क्लारा के सुझाव को मंजूरी दी जिसके फलस्वरूप 1911 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ऑस्ट्रिया, जर्मनी, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड में मनाया गया। 

महिला दिवस का महत्व:

हर वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस का महत्व महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उनके अधिकारोंऔर तरक्की के प्रति जागरूकता बढ़ाने से है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, समरसता और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। इस दिवस के माध्यम से महिलाओं में समानता के माध्यम से उनको सशक्त करने का प्रयास किया जाता है।

महिला दिवस की थीम:

सर्वप्रथम 8 मार्च को जब महिला दिवस का आयोजन किया गया तो इसको एक थीम दी गई थी, वह थीम थी ’सेलिब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर’। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है।

YearTheam
2025फ़ॉर ऑल विमेन एंड गर्ल्स राइट, इक्वालिटी, एंपावरमेंट  (सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए : अधिकार समानता, सशक्तिकरण)
2024इंस्पायर इन्क्लूजन (समावेशन को प्रेरित करें)
2023एमपावर विमेन एमपावर ह्यूमैनिटी (महिलाओं को सशक्त करें, मानवता को सशक्त करें)
2022जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर द सस्टेनेबल टुमारो (एक टिकाऊ कल के लिए आज लैंगिक समानता)
2021विमेन इन लीडरशिप (नेतृत्व में महिलाएं)

नारी सशक्तिकरण के मुख्य पहलू: नारी शक्तिकरण के मुख्य पहलू निम्लिखित हैं-

अधिकार और सुरक्षा: 

महिलाओं के अधिकार के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करना और साथ ही उनके कानूनी अधिकारों की भी रक्षा करना आवश्यक है।

शिक्षा:

महिलाओं का शिक्षित होना अति आवश्यक है क्योंकि महिलाएं शिक्षित होंगी तभी अपने अधिकारों की पहचान कर पाएंगी,अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगी और समाज में अपनी जगह बनाएगी।

आर्थिक स्वतंत्रता:

महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है क्योंकि आत्मनिर्भर महिलाएं अपने अधिकारों को अच्छी तरह समझ सकती हैं और अपने हित के लिए और अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज भी उठा सकती हैं। उसके साथ ही समाज और परिवार में सम्मान से रह सकती है।

राजनीतिक हिस्सेदारी:

वर्तमान में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, इसी प्रकार राजनीति में भी उन्होंने अपनी एक अहम जगह बनाई है। राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी लोकतंत्र को और भी अधिक सशक्त बनाती है।

महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदम:

भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं,जिसमें महिलाओं के हक को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई योजनाएं भी बनाई है, जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार लाया जा सके और उनके हक की बात हो। आइए इन सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी लेते हैं-

सरकारी योजनाएं 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना

इस योजना के तहत बालिकाओं के जीवन स्तर में सुधार लाना है, जिससे उन्हें शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता मिलती है। कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसे-अपराधित कार्यों को रोकने पर जोर दिया जाता है जिससे देश में बेहतर लिंगानुपात बनाने में मदद मिलती है।

उज्ज्वला योजना:

उज्ज्वला योजना महिलाओं के दैनिक कार्यों में सहयोग करके उनको सशक्त बनाती है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को निःशुल्क या सब्सिडीयुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है, जो महिलाओं से जुड़े रसोई जोखिम को कम करता है।

सुकन्या समृद्धि योजना:

सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की एक सरकारी योजना है। इसके तहत कन्याओं के जन्म के लेकर 10 वर्ष तक डाकघरों में उनके नाम पर खाता खोला जाता है जिसमें  प्रतिवर्ष न्यूनतम 250 रुपए से लेकर अधिकतम 1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के शिक्षा से लेकर उनके विवाह तक के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

महिला हेल्पलाइन नंबर:

1090 महिला हेल्पलाइन नंबर है इस नंबर पर महिलाएं कॉल करके उनके साथ हो रहे अपराध या परामर्श संबंधी सूचना की जानकारी दे सकती हैं। महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर प्राप्त कॉल सीधे 112 पर भेज दी जाती है, परिणामस्वरूप जमीनी स्तर पर मौजूद  PCR वाहन आवश्यक कार्यवाही करते है।

महिलाओं के लिए चुनौतियां:

महिलाओं को अपने रोजमर्रा के जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसमें कार्यस्थल पर भेदभाव, राजनीति में कम भागीदारी, अवसरों की कमी, पितृसत्तात्मक रूढ़ियां, सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

कार्यस्थल पर असमानता:

महिलाओं को कार्यस्थल पर कई असमानताओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें समान वेतन न मिलना, यौन उत्पादन, भेदभाव और वरिष्ठ पदों पर कम संख्या शामिल है ये सबकी लैंगिक भेदभाव की समस्या का व्यापक हिस्सा हैं। यह सभी असमानताएं महिलाओं को प्रगति करने से रोकती है।

घरेलू हिंसा:

घरेलू हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जिसमें परिवार के किसी सदस्य द्वारा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रूप से किसी दूसरे सदस्य को प्रताड़ित करना घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है। सामान्यता महिला या पत्नी ही घरेलू हिंसा की शिकार होती है। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 के तहत कोई भी पीड़ित महिला या उसकी तरफ से कोई भी व्यक्ति, संरक्षण अधिकारी सहित, मजिस्ट्रेट के पास राहत के लिए आवेदन कर सकता है।

लैंगिक भेदभाव:

लैंगिक भेदभाव से तात्पर्य महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव से है। परंपरागत रूप से महिलाओं को समाज में हमेशा कमजोर वर्ग के रूप में ही देखा गया है। उनको घर और समाज दोनों जगह शोषण,अपमान और भेदभाव सहना पड़ता है। 

FAQs

प्रश्न: 2025 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम क्या थी?

उतर: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 की थीम “सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए: अधिकार। समानता। सशक्तिकरण।” (For all women and girls: Rights. Equality.

प्रश्न:अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष की घोषणा कब हुई थी?

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष की घोषणा 1977 में हुई थी।

प्रश्न: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के संस्थापक कौन हैं?

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के संस्थापक क्लारा जेटकिन हैं।

प्रश्न: सुकन्या समृद्धि योजना कब शुरू की गई थी?

उत्तर: सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।

प्रश्न: राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

उत्तर: राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

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