Essay on winter season in Hindi : भारत में सर्दियों के मौसम की शुरुआत नवंबर के आसपास होती है और यह फरवरी तक रहता है। सर्दियों का मौसम उत्तरी गोलार्ध की सूर्य से दूरी बढ़ जाने के कारण होता है और जब इसकी सूर्य से दूरी बढ़ जाती है तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पहुंचने में अधिक समय लेने लगती हैं और सर्दी की अनुभूति होने लगती है। यह वाकई एक जादुई मौसम होता है जब सर्दी बढ़ती है तो पारा गिरने लगता है। लोग अपने सर्दियों के कपड़े निकालते हैं, अंगीठी जलाते हैं और सर्दी के मौसम का आनंद उठाते हैं। इन दिनों में तापमान ठंडा, रातें लंबी और दिन छोटे होने लगते हैं। यह मौसम हर किसी के लिए अलग अलग चुनौतियां लेकर आता है किसी के लिए खुशियां तो दूसरी ओर आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए मुश्किलें लेकर आता है। इस मौसम में ठंड से बचने के लिए हर किसी को कपड़ों, जूतों और ब्लैंकेट की आवश्यकता होती है।
शीतऋतु पर 100 शब्दों में निबंध:
नवंबर से फरवरी तक का महीना शीतऋतु और ठंडे तापमान के लिए जाना जाता है। कड़ाके की सर्दी दिसंबर और जनवरी महीने में होती है, तब तापमान में लगभग 10 से 15 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जाती है। इन दिनों में उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाएं ठंड को और ज्यादा बढ़ा देती हैं जिससे इस समय चारों ओर कोहरा छाया रहता है। सर्दियों का समय वह समय होता है जब हम गर्म कपड़े पहनते है, गर्म व्यंजन खाते हैं और मौसम का लुफ्त उठाते हैं। सर्दियों में कभी-कभी बर्फबारी होने से प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं।
सर्दियों का मौसम जितना आकर्षक लगता है स्वास्थ्य की लिए उतना ही हानिकारक भी होता है। इस ऋतु में शरीर को थोड़ी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि सर्द हवाओं से जुखाम, बुखार जैसी बीमारियां जल्द हो जाती हैं। सर्दियों की शुष्क हवाएं स्किन और बालों के लिए भी बहुत नुकसान देह होती है क्योंकि ये स्किन और बालों को रुखा बना देती हैं।
शीतऋतु का मौसम गरीबों के लिए थोड़ी ज्यादा कठिनाइयां लेकर आता है इस ऋतु में अधिक कपड़ों और अच्छे आवास की आवश्यकता सभी को होती है।
Essay on winter season in 500 words ( शीतऋतु पर निबंध 500 शब्दों में)
प्रस्तावना:
भारत की चार ऋतुओं में शीतऋतु भी है यह मौसम भारत का सबसे ठंडा मौसम होता है। इस मौसम में ठंडी हवाओं का चलना, बर्फ गिरना और वातावरण का तापमान कम होना यह सब इसकी विशेषता है। यह मौसम लगभग तीन महीने का होता है जो नवंबर से फरवरी तक रहता है।
शरद ऋतु कुछ लोगों के लिए बहुत कठिनाइयां लेकर आती है विशेष रूप से गरीबों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनके पास ठंड से बचने के लिए पर्याप्त कपड़े और आवास की व्यवस्था नहीं होती है। ठंड में अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है अन्यथा सर्द हवाएं आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं।
शीतऋतु के आगमन का कारण:
भारत में शरद ऋतु के शुरू होने का मुख्य कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घूमने के अनुसार अलग-अलग होता है। यह तो सभी को पता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमने की वजह से ही ऋतुओं में परिवर्तन होता है। शरदऋतु के आने से प्रकृति की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है, वृक्ष और पहाड़ ऐसे नजर आते हैं मानो सफेद चादर ओढ़े हो यह प्रकृति की सुंदरता को बढ़ा देता है। शीतऋतु में प्रकृति की सुंदरता बाकी ऋतुओं की अपेक्षा ज्यादा लुभावनी लगती है।
शीतऋतु में प्रकृति का सौंदर्य:
सर्दियों का यह मौसम दिसंबर से फरवरी तक अपनी चरम पर पहुंच जाता है। इस दौरान आसपास का वातावरण धुन्ध से छाया रहता है कहीं-कहीं तो परिदृश्य बर्फ की चादर से ढक जाता है जिससे साधारण दृश्य भी बहुत आकर्षक लगने लगता है। खासकर पहाड़ी इलाके जो बर्फ की सफेद चादर ओढ़कर और भी आकर्षक लगने लगते है और इसी खूबसूरती से सबका ध्यान अपनी और खींच लेते हैं।
शीतऋतु में होने वाली परेशानियां:
शरद ऋतु का मुख्य कारण ठंडी हवाएं और कोहरा होता है, जो इस मौसम को और भी अधिक ठंडा और शुष्क बनाता है। कभी कभी बिना मौसम बारिश होने के कारण परेशानियां और अधिक बढ़ जाती हैं। सर्दियों की ठंडी बारिश फलों, सब्जियों और बाकी की फसलों को भी बर्बाद कर देती है। घना कोहरा लोगों को अपने घरों में रहने को मजबूर कर देता है।
सर्दियों में चलने वाली शुष्क हवाएं त्वचा और बालों के लिए भी हानिकारक होती हैं यह त्वचा और बालों रूखा और बेजान बना देती है।
शीतऋतु का महत्व:
सर्दियों का मौसम हमें छोटी-छोटी चीजों की अहमियत सिखाता है क्योंकि दिन छोटे होने लगते हैं जिससे हमें अपने कामों को करने में तेजी लानी पड़ती है। इन सबसे अलग सर्दियों का मौसम बाहरी गतिविधियां भी प्रदान करता है। इस मौसम में सभी लोग आइस स्केटिंग और स्नोबॉल फाइट जैसे खेलो से मनोरंजन करते हैं।
शीतऋतु स्वास्थ्यवर्धक फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का मौसम होता है जिसमें सेब, अंगूर,अमरूद,संतरा,गाजर,टमाटर,मूली,चुकंदर, शलजम आदि। शरद ऋतु फसलों की ऋतु है जिसमें गेहूं, मूंगफली और बाजरा जैसी फसलों की पैदावार होती है। इस ऋतु की सब्जियां और फल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते है। इस मौसम में बहुत से फूल जैसे गुलाब,डहेलिया आदि भी निकलते है जो प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
शीतऋतु के स्पोर्ट्स:
सर्दियों में आप अपनी रुचि और स्थिति के हिसाब से अलग-अलग गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। इसी मौसम में स्केटिंग (फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग), स्कीइंग (अल्पाइन,क्रॉस कंट्री, स्नोबोर्डिंग, स्की जंपिंग), स्काई हॉकी,कर्लिंग,और बॉबस्ले खेल खेले जाते है।
निष्कर्ष:
सर्दियां सिर्फ बाहरी बदलाव नहीं बल्कि भीतरी बदलावों को भी दर्शाती हैं इसलिए यह मौसम हमें आत्म निरीक्षण और आत्म देखभाव की ओर प्रोत्साहित भी करती हैं। इस मौसम में गुलाब और डहेलिया जैसे फूल खिल जाते हैं जिससे प्रकृति का सौंदर्य और बढ़ जाता है। यह मौसम स्वास्थ्य बनाने, सुबह टहलने, ताज़ी हवा और किसानों की फसलों के लिए बहुत अच्छा होता है।
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