Essay on newspaper in hindi: समाचार पत्र का प्रमुख कार्य जनता को सूचना देना,सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाना,उन्हें शिक्षित करना, मनोरंजन प्रदान करना आदि है। आज के आधुनिक समय में जब सभी लोग अपने नौकरी या पेशे में व्यस्त हैं,उनके पास अलग कुछ भी जानने का समय नहीं है ऐसे में यह शिक्षा,समाज,भविष्य आदि से संबंधित खबरों को रुचिपूर्ण तरीके से हमें बताता है। इसलिए यह कभी उबाऊ नहीं लगता बल्कि हमें समाचार पत्र पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। आइए समाचार पत्र पर संक्षिप्त और विस्तार से चर्चा करते हैं-
Essay on newspaper in 100 words: समाचार पत्र पर निबंध 100 शब्दों में
समाचार पत्र हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं,क्योंकि ये हमें सूचना के विश्वसनीय स्त्रोत प्रदान करते हैं जिससे हम अपने आस पास की सूचनाओं से अवगत रहते हैं। ये समसामयिक घटनाओं, राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल और मनोरंजन आदि की सभी सूचनाएं हम सभी तक पहुंचते हैं। जिससे पाठकों को स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सभी मुद्दों की समझ प्राप्त होती है।
समाचार पत्र लोगो में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ उनकी आलोचनात्मक सोच को भी बढ़ावा देने की क्षमता प्रदान करते हैं। समाचार पत्र लोगों को विभिन्न मुद्दों पर अपनी सोच बनाने और कई मुद्दों पर अपने निष्कर्ष निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह लोकतांत्रिक समाज के लिए बहुत आवश्यक भी है क्योंकि जागरूक नागरिक ही सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
समाचार पत्र शिक्षा के स्त्रोत के रूप में तकनीकी, विज्ञान, इतिहास और समाज के बारे में भी जानकारी देतें हैं। ये हमारी भाषा, शब्दावली और सामान्य ज्ञान को भी बढाते हैं। जिससे यह छात्रों के लिए एक उत्कृष्ठ संसाधन बन जाते हैं।
Essay on newspaper in 500 words: समाचार पत्र पर निबंध 500 शब्दों में
यदि आप समाचार पत्र पर विस्तार से निबंध ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह आएं हैं। हम नीचे लेख में समाचार पत्र पर विस्तार से सभी प्वाइंट्स की चर्चा करेंगे-
प्रस्तावना:
समाचार पत्र हमारे जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। हम सभी अपने दिन की शुरुआत सबसे पहली और महत्वपूर्ण वस्तु समाचार पत्र से करते हैं।अखबार हमें देश विदेश में ही रही घटनाओं से अवगत कराता है। यह हमें खेल,धर्म, समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग आदि के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध कराता है। देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम देश विदेश में हो रही घटनाओं से अवगत रहें। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक जीवन के बारे में भी जानकारी देता है।
भारत में समाचार पत्र का इतिहास:
भारत में अंग्रेजों के आने से पहले समाचार पत्र का प्रचलन नहीं था, अंग्रेजों ने ही हमारे देश में समाचार पत्रों का प्रचार-प्रसार किया। 1780 में भारत का पहला समाचार पत्र ’दि बंगाल गैजेट’ कोलकाता में प्रकाशित किया गया जिसका संपादन जेम्स हिक्की ने किया था। यह एक अंग्रेजी भाषा का साप्ताहिक समाचार पत्र था, जिसे कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर के नाम से भी जाना जाता था। तब से भारत में अनेक भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित किए जा रहे हैं।
समाचार पत्र का महत्व:
समाचार पत्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व है यह हमारे अंदर पढ़ने की रुचि पैदा करता है। यदि कोई व्यक्ति समाचार पढ़ने का नियमित रूप से शौकीन है तो वह बिना समाचार पत्र पढ़े रह ही नहीं सकता। अखबार विभिन्न भाषाओं जैसे हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू आदि में प्रकाशित होता है और यह हमारे लिए दुनिया के कोने कोने से सैकड़ों खबर लाता है।
समाचार पत्र का छात्रों के जीवन में खास महत्व है,यह उन्हें समसामयिक घटनाओं से अपडेट रहने, भाषा और शब्दावली सुधारने, सामान्य ज्ञान बढ़ाने और नैतिक व सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करता है|
समाचार पत्र के नुकसान:
समाचार पत्र के लाभ तो बहुत लेकिन साथ ही इसकी कुछ कमियां भी हैं। समाचार पत्र भिन्न-भिन्न विचारों के आदान-प्रदान का एक साधन भी है इसलिए यह लोगों की सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की मानसिकता विकसित करता है। हर साल लाखों की संख्या में पेड़ों की कटाई की जाती है, जिससे अखबार या अन्य कागजी उत्पाद बनाए जाते हैं यह मिट्टी के कटाव, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है|
समाचार पत्र के फायदे:
- ये सूचना का एक विश्वसनीय स्त्रोत हैं जो झूठे, भ्रामक और मनगढ़ंत खबरों के युग में भी हम तक सही और सटीक खबरें पहुंचने का काम करते हैं।
- समाचार पत्र लगभग हर क्षेत्रीय भाषा में मुद्रित या डिजिटल रूप में निर्मित होते हैं। चूंकि कुछ ही समाचार पत्र हैं जो क्षेत्रीय भाषाओं में खबरें प्रकाशित करते हैं जिससे प्रिंट मीडिया के पास एक व्यापक वर्ग स्थापित करने का अवसर मिल जाता है।
- खबरों के साथ-साथ ये मनोरंजन का साधन भी हैं क्योंकि अखबारों में छपी पहेलियां, प्रश्नोत्तरी प्रश्न और दिलचस्प कार्टून कहानियां भी होती हैं जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों का भी मनोरंजन करती हैं।
- समाचार पत्रों ने कई घोटालों और अधिकारियों की खामियों को उजागर किया है। इन खुलासों से अधिकारी सतर्क रहते हैं और खबरों के अनुसार कार्यवाही करते हैं।
- समाचार पत्र पढ़ने वाले व्यक्ति को अर्थशास्त्र, संघर्षों और राजनीति की जल्दी समझ हो जाती है। जिससे उन्हें समाज में मौजूद विरोधी मुद्दों को समझने का अवसर प्राप्त होता है।
निष्कर्ष:
अंत में, समाचार पत्र पर निबंध यह सिद्ध करता है कि कैसे समाचार पत्र सूचना, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों से देश विदेश में सबको जोड़े रखता है। सामुदायिक जाकरुकता, आलोचनात्मक सोच और जिम्मेदार नागरिक में समाचार पत्र का योगदान डिजिटल परिवर्तन के बावजूद अपनी जगह बनाए हुए है। समाचार पत्र ज्ञान को संयोजित करने का भी साधन होते हैं इसलिए हमें इसे पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। वर्तमान समय में समाचार पत्र का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि आज के आधुनिक समय में शासकों को अगर किसी चीज का डर है तो वो समाचार पत्र है।
FAQs
उत्तर: समाचार पत्र की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई
उत्तर: समाचार पत्रों के माध्यम से व्यापारी अपनी वस्तु विशेष का विज्ञापन कर सकते हैं
उत्तर: समाचार पत्र एक आवधिक प्रकाशन है जो कागज़ पर छपता है और नियमित रूप से, जैसे दैनिक या साप्ताहिक, प्रकाशित होता है।
उत्तर:भारत का पहला समाचार पत्र हिक्की का बंगाल गजट था।
उत्तर: समाचार पत्र के जनक जेम्स ऑगस्टस हिकी थे।
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