राष्ट्रीय एकता दिवस

Essay on National Unity Day in Hindi : राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? क्या है इसका महत्व?  

राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध : भारत सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद अपनी एकता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। हमारा देश दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बावजूद भी लोग एकता की भावना से एक साथ जुड़े हुए हैं। स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही भारतीय इतिहास में राष्ट्रीय एकता दिवस का बहुत महत्व रहा है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को एकता का भाव सिखाया। इसके परिणामस्वरूप पूरे देशवासियों ने ब्रिटिश शासन का विरोध किया, और स्वतंत्रता दिलाने में एकजुटता दिखाई। इसी एकता का जश्न मनाने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है, जिससे लोगों में एकता का संदेश फैलाया जा सके। इस लेख में हम छात्रों को निबंध प्रतियोगिता और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध लिखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे-

Essay on National Unity day in 200 words राष्ट्रीय एकता दिवस पर 200 शब्दों में निबंध:

राष्ट्रीय एकता दिवस पर 200 शब्दों में निबंध: राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। सन् 2014 में भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सरदार वल्लभभाई पटेल देश के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप-प्रधानमंत्री भी थे। इनको “भारत का लौह पुरुष” भी कहा जाता है।

भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, यहां विभिन्न धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। यहां के लोग सभी उत्सव हंसी खुशी मिलकर मनाते हैं और राष्ट्र की एकता को बनाए रखते हैं। यही सारी चीजें राष्ट्र को सहारा और शक्ति प्रदान करती हैं। एकता की भावना लोगों को मतभेद भुलाकर एक दूसरे के साथ मिलकर रहना सीखाती है।

सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा शुरू किए गए एकता आंदोलन का समर्थन करने और एकजुटता का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार ने हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की घोषणा की। इस दिवस के उद्देश्य को सभी तक पहुंचाने के लिए इस दिन विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। 

भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने 2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया, जिसे “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” के नाम से जाना जाता है। यह स्टेच्यू ऑफ यूनिटी नर्मदा घाटी केवड़िया, नर्मदा गुजरात में स्थित है।

यह दिवस लोगों को एकता के महत्व और समानता के बारे में बताता है। राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने में प्रत्येक व्यक्ति की बराबर की भागीदारी मानी जाती हैं क्योंकि किसी भी राष्ट्र की ताकत उसकी एकता को माना जाता है।

Essay on National Unity Day in 500 words (राष्ट्रीय एकता दिवस पर 500 शब्दों में निबंध):

राष्ट्रीय एकता का अर्थ है कि विभिन्न धर्म, जाती और भाषाओं के लोग एक साथ मिलकर देश की प्रगति और भलाई के लिए कार्य करें। भारत विविधताओं का देश है यहां हर क्षेत्र में अलग-अलग भाषा, संस्कृति और परंपराओं के लोग रहते हैं इतनी भिन्नताएं होने के बावजूद भी यहां के लोग देश की अखंडता और एकता के प्रति समर्पित रहते हैं। यह एकता हमें बाहरी खतरों और चुनौतियों से तो बचाती ही है साथ ही देश के विकास में भी सहायक है। आइए विस्तार से राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जानते हैं-

प्रस्तावना :

देश की प्रगति और विकास तभी संभव है जब वहां के लोग आपस में शांति और एकता बनाए रखें। यह एक ऐसा बंधन है जो देश के प्रत्येक नागरिक को भाषा, धर्म, जाती और क्षेत्र से परे एकता के बंधन में पिरोता है। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश के लिए एकता का महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि जब लोगों में एकता का भाव होगा तभी राष्ट्र विकास और प्रगति की ओर अग्रसर होगा।

राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है:

भारत में हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए मनाया जाता है। भारत की एकता के प्रतीक के रूप में माने जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति में एकता की भावना जागृत करना हैं। यहां की संस्कृतियों, भाषाओं और धार्मिक विचारों में भिन्नता के बावजूद लोगों में एकता की भावना बनी हुई है। जो देश की शांति और सौहार्द बनाए रखने में बेहद आवश्यक है। राष्ट्रीय एकता दिवस पर विभिन्न रैलियों, एकता मार्च और शपथ ग्रहण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे लोगों को एकता और अखंडता बनाए रखने की सीख मिले। 

सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान:

सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में एक थे। उनका भारत की अखंडता और एकता में बहुत योगदान रहा है। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप 562 रियासतों को एकजुट करके भारतीय संघ का निर्माण किया जिससे भारत का मानचित्र एकजुट हो पाया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए बारडोली सत्याग्रह जैसे आंदोलनों का नेतृत्व किया। सरदार वल्लभभाई पटेल के दृढ़ निश्चय और नेतृत्व के कारण देश आज भी अखंड भारत के रूप में जाना जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल को “लौह पुरुष” के नाम से भी जाना जाता है 

राष्ट्रीय एकता दिवस का मुख्य उद्देश्य:

राष्ट्रीय एकता दिवस के उद्देश्य निम्न प्रकार हैं-

  • यह दिवस भारत में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और भाईचारे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना जिससे देश को बाहरी खतरों से बचाया जा सके।
  • भारत जैसे विविधता वाले देश में जहां संस्कृतियों, भाषाओं और धार्मिक विचारों में भिन्नता के बावजूद एकता बनी रहे।
  • इस दिवस का उद्देश्य अलगाववादी प्रवृत्तियों को रोकना और एकता की भावना को बनाए रखना है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी को एकता और अखंडता के प्रति शिक्षित किया जाता है।

राष्ट्रीय एकता के समक्ष चुनौतियां:

राष्ट्रीय एकता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जातिवाद और क्षेत्रीयता है जो देश में विभाजित करने का काम करता है। धार्मिक विवाद और असहिष्णुता भी समाज में नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा देश के कुछ नेता भी अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्रीय एकता को बिगाड़ते हैं।

राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के उपाय:

किसी भी राष्ट्र की एकता को मजबूर करने में शिक्षा एक अहम भूमिका निभाती है। क्योंकि शिक्षा से ही लोग विविधताओं को समझते और स्वीकारते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों को जानने का अवसर मिलता है और अलग-अलग संस्कृतियों के प्रति आदर और सम्मान बढ़ता है जिससे समाज में एकता को बढ़ावा मिलता है। राष्ट्रीय पर्व और उत्सव भी लोगों में एकता और भाईचारे की भावना को जागृत करते हैं।

उपसंहार:

किसी भी देश की नींव एकता और अखंडता होती है क्योंकि यदि लोगों में एकता का भाव होगा तो अलगाववादी प्रवृत्तियां कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। जिससे देश में शांति और सौहार्द बना रहेगा और देश विकास करेगा। जब भी देश के लोग एकजुट होकर कोई काम करते हैं तो वे हर चुनौती को पार कर सकते हैं और देश सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता हैं। 

FAQs

प्रश्न: राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

प्रश्न: 31 अक्टूबर को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

उत्तर: 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।

प्रश्न: सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के प्रथम कौन थे?

उत्तर: सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के प्रथम उप-प्रधान मंत्री और प्रथम गृह मंत्री थे।

प्रश्न: सरदार वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि किसने दी थी?

उत्तर: सरदार वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि महात्मा गांधी ने दी थी।

प्रश्न: राष्ट्रीय एकता के जनक कौन है?

उत्तर: राष्ट्रीय एकता के जनक सरदार वल्लभभाई पटेल हैं।

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