Essay on National Education Day in Hindi: हर साल 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षा दिवस देश भर में मनाया जाता है। मौलाना अबुल कालम आजाद स्वतंत्र भारत (1947-1958) के पहले शिक्षा मंत्री और भारतीय इतिहास के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक थे। वे शिक्षा के प्रबल समर्थक और एक दूरदर्शी नेता थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय शिक्षा व्यवस्था की नींव रखने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। शिक्षा के प्रति उनके अतुलनिय योगदान को याद करने के लिए हम उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं। शिक्षा हम सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन यह शिक्षा व्यवस्था कैसे बनी? मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति कैसे ला दी? इस निबंध में आपको इन सभी तथ्यों का जवाब मिलेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on National Education Day in 100 Words)
प्रतिवर्ष 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक दूरदर्शी नेता थे। वे शिक्षा को देश की परिवर्तनकारी शक्ति मानते थे, उनके कठोर प्रयासों से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) सहित कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गई।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस समाज और व्यक्ति के निर्माण में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के महत्व का जश्न मनाने का दिन है। यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए समावेशी और सुलभ शिक्षा की आवश्यकता की याद दिलाता है। यह दिवस हर वर्ष मनाने का उद्देश्य मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के प्रयासों और योगदानों का सम्मान करने का है। शिक्षा देश के प्रत्येक व्यक्ति को एक उज्जवल भविष्य के लिए प्रोत्साहित करती है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on National Education Day in 500 Words): इसमें हम छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर विस्तृत रूप से निबंध लिखने में मदद करेंगे और बताएंगे किस प्रकार मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने शिक्षा की नींव रखी और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का दी।
प्रस्तावना
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस देश के सबसे पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिवस उनका शिक्षा के छेत्र में दिए योगदान को दर्शाता है और हम सबको देश के प्रति शिक्षा के महत्व को देश भर में रेखांकित करने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) द्वारा स्थापित यह दिन शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के एक शिक्षित प्रगतिशील भारत बनाने के दृष्टिकोण का सम्मान करता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास
1947 में जब देश आजाद हुआ तो देश के लगभग सभी क्षेत्र अभूतपूर्ण परिवर्तन की तरफ अग्रसर थे। शिक्षित समाज ही देश को विकास के पथ पर ले जाएगा। इस बात का महत्व तब और अधिक बढ़ गया जब स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कालम आज़ाद सत्ता में आए।
मौलाना अबुल कलाम आजाद एक विद्वान और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। शिक्षा मंत्री बनने के बाद उन्होंने शिक्षा व्यवस्था के प्रति अपने कार्यों से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। अपनी दूरदर्शी सोच के कारण उन्होंने बालिका शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देकर निरक्षरता उन्मूलन के लिए प्रयास किया।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का शिक्षा के प्रति योगदान को मान्यता देने के लिए 11 नवंबर 2008 को भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। शिक्षा ही आर्थिक और सामाजिक प्रवर्तन का उद्देश्य मानते हुए उन्होंने देश भर में कई संस्थानों की स्थापना की जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs), यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) जैसे संस्थानों की स्थापना की थी।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का मनना था कि शिक्षा देश की नींव है, उनकी शिक्षा नीतियों ने सभी वर्गों के लिए, विशेषकर महिलाओं और निम्न समुदाय के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस न केवल मौलाना अबुल कालम आज़ाद को श्रद्धांजलि देने को दर्शाने के लिए मनाते है बल्कि यह राष्ट्र के प्रति शिक्षा के महत्व को भी दर्शाता है। उनके सम्मान में इस दिन स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया है जिसमें वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता और शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चाएं शामिल हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जो शिक्षा दिवस के इतिहास और महत्व को उजागर करते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख सरकारी योजनाएं
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) : भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 में नरेंद्र मोदी द्वारा देश के लिए बनाई गई यह नीति शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए बनाई गई नीति है। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार और अधिक समावेशी बनाना है।
- समग्र शिक्षा अभियान: समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य स्कूली शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है। इसके अंतर्गत कमजोर और वंचित लोगों को समानता का बढ़ावा देते हुए पूर्व प्राथमिक शिक्षा से कक्षा 12 तक की शिक्षा के सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
- निपुण भारत मिशन: जुलाई 2022 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह एक राष्ट्रव्यापी मिशन है। इसका मुख्य उद्देश्य 2026-27 तक देश के प्रत्येक बच्चे को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान करना है।
- दीक्षा प्लेटफॉर्म: यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसमें शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए एक मंच तैयार किया गया है। इसमें कक्षा 1-12 तक के लिए पाठ्यक्रम की ई-सामग्री शामिल है।
- उल्लास: इस योजना के तहत देश के जन-जन को साक्षर बनाने का उद्देश्य है। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-27 के दौरान कार्यों के लिए इस योजना को मंजूरी दी है।
- विद्या प्रवेश: इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के तहत प्रारंभ किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य कक्षा 1 तक के बच्चों को खेल-खेल में आकृति, संख्या, अक्षर, रंग आदि बुनियादी कौशल सीखना है।
- पीएम- विद्या लक्ष्मी योजना: इस योजना के तहत मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसमें बिना किसी गारंटी और गारंटर के शिक्षा ऋण एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता हैं।
निष्कर्ष:
यह दिवस न केवल मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को श्रद्धांजलि है बल्कि प्रगतिशील देश के विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच प्रत्येक व्यक्ति तक सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हम सभी को यह याद दिलाता है कि एक सशक्त समाज के निर्माण में शिक्षा कितनी अहम भूमिका निभाती है। मौलाना अबुल कालम आज़ाद का एक शिक्षित, एकीकृत और धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए उनका दृष्टिकोण कई मायनों में देश की प्रगति को आकार दिया है।
FAQs
प्रश्न: शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: शिक्षा दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती (11 नवंबर) के सम्मान में मनाया जाता है।
प्रश्न: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत के भविष्य को आकार देने में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है ।
प्रश्न: भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे?
उत्तर: भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद थे।
प्रश्न: भारत में शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर: भारत में शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत 2008 में हुई थी।
प्रश्न: शिक्षा दिवस का इतिहास क्या है?
उत्तर: शिक्षा दिवस भारत में शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करके मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
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