Essay on Election in Hindi

Essay on Election in Hindi: चुनाव क्या है? चुनाव में ‘नोटा’ का क्या महत्व है? चुनाव का इतिहास और महत्व के बारे में जानें विस्तार से

Essay on Election in Hindi: चुनाव लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है। मतदाता एक निर्धारित पूर्ण प्रक्रिया के तहत मतदान करते हैं ताकि एक विशेष कार्यकाल के लिए सही प्रतिनिधि का चयन किया जा सके। चुनाव के द्वारा ही देश के लोग विधायिका के विभिन्न पदों पर कार्य करने के लिए प्रतिधियों का चयन करते हैं। चुनाव के द्वारा ही स्थानीय और क्षेत्रीय निकायों के लिए भी प्रतिधियों का चयन किया जाता है। चुनाव का छोटे स्तर पर भी कई जगह प्रयोग होने लगा है जैसे संस्थाओं, विश्वविद्यालयों इत्यादि जगह भी चुनाव होने लगे हैं। इस लेख में हमने चुनाव से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।

Essay on Election in 150 words: चुनाव पर निबंध 150 शब्दों में:

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, और हमारे देश में चुनाव को सबसे बड़ी लोकतंत्र प्रक्रिया माना जाता है। यहाँ प्रत्येक नागरिक को अपना नेता चुनने और देश को विकास के मार्ग पर ले जाने वाला प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। यह समानता और निष्पक्षता को प्रदर्शित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि मतदान के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति की आवाज सुनी जाए। एक लोकतान्त्रिक देश में चुनाव लोगों को अपनी राय व्यक्त करने में और अपना नेता चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चुनाव देश के नागरिकों को ऐसा नेता चुनने का अवसर प्रदान करते हैं जो उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हों और देश के विकास में प्रभावित मुद्दों पर निर्णय और भागीदार के लिए उत्तरदायी ठहरते हों।

भारत का चुनाव आयोग इस बात को सुनिश्चित करना है कि चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे। चुनाव प्रक्रिया को इसकी जनसंख्या के अनुरूप कई चरणों में सम्पन्न कराया जाता है। मतदाता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग (EVM) मशीन के माध्यम से चुनाव में भाग लेते हैं।

Essay on Election in 500 words

चुनाव पर 500 शब्दों में निबंध:नीचे हमने चुनाव से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों का उल्लेख किया है-

प्रस्तावना:

चुनाव या निर्वाचन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जनता अपना प्रतिनिधित्व चुनती है। चुनावी प्रक्रिया से ही चयनित होकर आधुनिक लोकतंत्र के लोग कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के विभिन्न पदों पर आसीन होते हैं।

भारत में चुनाव प्रक्रिया मुख्यतः 5 चरणों में सम्पन्न कराई जाती है-

  1. लोकसभा चुनाव 
  2. राज्यसभा चुनाव 
  3. विधानसभा चुनाव 
  4. राष्ट्रपति चुनाव 
  5. पंचायती चुनाव 

1.)लोकसभा चुनाव: यह भारतीय संसद का निचला सदन है। लोकसभा चुनाव के माध्यम से संसद सदस्यों (सांसद) का चयन किया जाता हैं। इसमें प्रतिनिधि का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। लोकसभा चुनाव यह तय करते हैं कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। इसे आम चुनाव के नाम से भी जाना जाता है।

2.)राज्यसभा चुनाव: यह भारतीय संसद का उच्च सदन है। राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता हैं इसका कार्यकाल 2 वर्ष का होता है।

3.) विधानसभा चुनाव: भारत के हर राज्य में एक विधानसभा होती है और इसके निर्वाचित सदस्य विधायक कहलाते हैं। इसका कार्यकाल भी 5 वर्ष का होता है।

4.) राष्ट्रपति चुनाव: राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों राज्य और विधानसभा के सदस्यों द्वारा होता है। राष्ट्रपति को 5 वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।

5.) पंचायती चुनाव: पंचायत के सदस्यों का चुनाव उनके संबंधित गांव के लोगों के द्वारा किया जाता है। यह भी 5 वर्ष की अवधि के लिए चुने जाते हैं।

भारत में चुनाव का इतिहास:

भारत में पहला चुनाव 1951-1952 में हुआ, उस समय चुनाव आयोग के लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि भारत एक देश के रूप में अपने पैरों पर खड़ा ही हो रहा था। भारत में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराया जा रहा था, फिर भी चुनाव आयोग ने उस समय की स्थिति को मद्देनजर रखते बहुत शानदार काम किया और चुनाव बेहतरीन तरीके से संपन्न कराए।

भारत में पहली बार चुनाव कराने पर निम्न नियमों को लागू किया किया-

  • 21 साल से ऊपर का व्यक्ति ही मतदान प्रक्रिया में भाग लेगा।
  • प्रत्येक राजनीतिक पार्टी को प्रतीक चिन्ह उपलब्ध कराए गए।
  • मतदाताओं को मतपत्र दिए गए।
  • एक कमरे में प्रत्येक उम्मीदवार के नाम के अलग-अलग बॉक्स रखे गए, मतदाता कमरे में जाएगा और मतपत्र को अपनी पसंद के बॉक्स में डालेगा।
  • मात्र 9 मतदाताओं के लिए एक बूथ बनाया गया था और भारतीय चुनाव आयोग नें लोगों के घर के 3 मील के अंदर ही चुनावी बूथों की व्यवस्था की थी।

 चुनाव प्रक्रिया में नोटा (NOTA)क्या है?

NOTA का पूरा नाम ‘None Of The Above’ है। नोटा को पहली बार 2013 में चार राज्यों- मिजोरम,राजस्थान,छत्तीसगढ़ और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल किया गया था। भारत के अलावा ब्राजील,स्पेन,चिली,फ्रांस,बांग्लादेश,फ़िनलैंड,स्वीडन,कोलम्बिया,यूक्रेन,बेल्जियम और ग्रीस भी अपने वोटर्स को नोटा वोट डालने की अनुमति देते हैं।

नोटा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें यदि आप किसी भी राजनीतिक पार्टी में वोट नहीं देना चाहते तो नोटा विकल्प का चयन कर सकते हैं।नोटा प्रक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र में सबको अपनी मर्जी का नेता चुनने का अधिकार है और यदि मतदाता को कोई भी प्रत्याक्षी नहीं पसंद है तो वह नोटा विकल्प का चयन कर सकता है।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 27 सितंबर 2013 को यह फैसला सुनाया कि नोटा में आए वोट को दर्ज करने का अधिकार लागू नहीं होना चाहिए जबकि भारतीय चुनाव आयोग नें नोटा के लिए एक अलग बटन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में प्रदान करने का आदेश दिया है।

चुनाव का महत्व:

  • मतदान किसी भी लोकतांत्रिक देश की नींव होता है यह राजनीतिक परिदृश्य को आकर देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह देश के प्रत्येक मतदाता को स्वतंत्र रूप से अपना प्रतिनिधि चुनने की अनुमति देता है।
  • मतदान के माध्यम से मतदाता को अपने चुने हुए प्रतिनिधि से उनके कार्यों और नीतियों के प्रति जवाब मांगने की शक्ति प्राप्त होती है।
  • मतदान पूर्ण रूप से निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया है और यह समाजिक एवं राजनीतिक समानता को बढ़ावा देती है।
  • हमें ऐसी सरकार बनाने का मौका मिलता है जो लोगों की इच्छा और अपेक्षाओं पर खरी उतरे।
  • मतदान के माध्यम से लोग किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने और राष्ट्र के विकास में  योगदान देने का अवसर प्राप्त होता है।
  • मतदान समाज के निम्न वर्गों के लोगों को सशक्त बनाता है और प्रभावित करने वाले मामलों को कहने का अवसर प्रदान करता है।
  • मतदान देश के प्रत्येक नागरिक का न केवल अधिकार है बल्कि कर्तव्य भी है,इसका प्रयोग करके वह न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेते हैं बल्कि देश के विकास में भी सहायक होते हैं।

उपसंहार:

चुनाव को लोकतंत्र की नींव माना जाता हैं। चुनाव न केवल नई सरकार का चयन करते है बल्कि जनता की इच्छाओं और राजनीति में हो रहे बदलावों को भी दर्शाते हैं। चुनाव के परिणाम हमें यह समझने में मदद करते हैं कि देश किस दिशा में आगे जायेगा।

FAQs

प्रश्न: भारत में चुनाव कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: भारत में चुनाव 4 प्रकार के होते हैं 

  1. लोकसभा 
  2. विधानसभा
  3. राज्यसभा
  4. पंचायत या नगर निगम चुनाव

प्रश्न: भारत निर्वाचन आयोग कब अस्तित्व में आया?

उत्तर: भारत निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 1950 में अस्तित्व में आया।

प्रश्न: NOTA का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर: NOTA का फुल फॉर्म ‘None of the Above’ है।

प्रश्न: नोटा सबसे पहले भारत में कब इस्तेमाल हुआ?

उत्तर: नोटा सबसे पहले भारत में 2013 में इस्तेमाल हुआ।

प्रश्न: EVM का पूरा नाम क्या है।

उत्तर: EVM का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है।

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