Essay on Dussehra in Hindi: भारत त्योहारों का देश माना जाता है। हमारे देश में साल भर में कई त्योहार मनाये जाते हैं और इन्हीं में से एक त्योहार दशहरा के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में इस त्योहार को प्रमुख स्थान दिया गया है। इस त्योहार के महत्व के चलते स्कूलों या बोर्ड परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिया जाता है इसमें इसे भी समय-समय पर टॉपिक के रूप में शामिल किया जाता है। अगर आप भी परीक्षा के लिए निबंध की तैयारी कर रहे हैं तो यह पेज आपके लिए बेहद उपयोगी है। यहां से आप स्टेप बाई स्टेप दशहरा पर निबंध (Dussehra Par Nibandh) को तैयार कर सकते हैं।
Essay on Dussehra in Hindi: 100 शब्दों में दशहरा पर निबंध
दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए पहचाना जाता है। इस त्योहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार से पहले कई दिनों तक रामलीला का मंचन भी किया जाता है। दशहरा के दिन रावण के वध के साथ इसका अंत होता है। रामायण एवं अन्य काव्यों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने मां सीता के अपहरणकर्ता लंका के राजा रावण को युद्ध में परास्त करके उसका वध किया था। दशहरे के दिन रावण के साथ ही उसके भाई कुम्भकर्ण और उसके बेटे मेघनाथ के भी पुतले जलाये जाते हैं। दशहरे के त्योहार से हमें 10 अवगुणों काम, क्रोध, मोह, मद, लोभ, मत्सर, अहंकार, आलस, हिंसा एवं चोरी जैसी बुराईयों से दूर रहने की शिक्षा मिलती है।
Essay on Dussehra in Hindi: 500 शब्दों में दशहरा पर निबंध
प्रस्तावना
दशहरा का त्योहार भारत का प्रमुख त्योहार है और यह देश के साथ ही विदेश में भी बड़े ही धूम-धाम से माने जाता है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए पहचाना जाता है। दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है जो प्रतिवर्ष हिंदी माह के अनुसार अश्विन या कार्तिक माह एवं अंग्रेजी महीनों के अनुसार सितंबर या अक्टूबर माह में मनाया जाता है। दशहरा के त्योहार से पहले ही रामलीला का मंचन शुरू कर दिया जाता है और दशहरा के दिन रावण के वध के साथ इसका अंत होता है।
क्यों मनाते हैं दशहरा
रामायण एवं अन्य काव्यों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने मां सीता के अपहरणकर्ता लंका के राजा रावण को युद्ध में परास्त करके उसका वध किया था। तभी से प्रतिवर्ष इस दिन दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। चूंकि इस युद्ध में भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम धर्म के लिए लिए लड़े थे वहीं रावण अधर्म के लिए लड़ रहा था इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भी जाना जाता है।
दशहरा का त्योहार रामलीला के मंचन के द्वारा भगवान राम के आदर्शों का पालन करने और उसके लिए प्रेरित करने के लिए भी मनाया जाता है। यह हमें हमारे अंदर मौजूद 10 अवगुणों काम, क्रोध, मोह, मद, लोभ, मत्सर, अहंकार, आलस, हिंसा एवं चोरी को बाहर निकालने के लिए भी प्रेरित करने का काम करता है।
अन्य प्रचलित मान्यताएं
ऐसा भी माना जाता है कि मां दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच लगातार 9 दिनों तक युद्ध चला। इसके बाद दसवें दिन माता दुर्गा ने उस पापी राक्षस का वध कर दिया था। इसके चलते भी इस दिन को विजयदशमी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा यह भी माना जाता रहा है कि इस महीने में किसानों की फसल पक जाती है और वे इसे लेकर अपने घर जाते थे। अपनी फसल को लेकर सभी किसान मिलकर अपनी खुशी जाहिर करके इसे धूम-धाम से मनाते थे।
उपसंहार
दशहरा या विजयदशमी का त्योहार हर साल बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन जगह-जगह रावण के पुतले जलाकर लोग खुशियां मनाते हैं। रावण के साथ ही उसके भाई कुम्भकर्ण और उसके बेटे मेघनाथ के भी पुतले जलाये जाते हैं। हालांकि इस त्योहार का अंत यहीं से नहीं होता है बल्कि यह इसकी शुरुआत माना जाता है। इसके बाद जब भगवान राम विभीषण को लंका का राजा घोषित करने के बाद अयोध्या वापस आते हैं तो इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता है। दशहरा हमारे देश का एक पारंपरिक त्योहार जो लोगों को सत्य के लिए लड़ना सिखाता है और साथ ही अच्छे कर्म और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाता है।
FAQs
दशहरा सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है।
दशहरा का उद्देश्य अच्छाई के बारे में बताना है। भगवान राम ने इसदिन रावण का वध किया था।
दशहरा का नैतिक संदेश है कि बुराई कितनी भी बढ़ जाए अंत में विजय अच्छाई की ही होती है।
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