Essay on Children’s Day in indi: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह था, वे बच्चों की शिक्षा व कल्याण को महत्वपूर्ण मानते थे। इसलिए इनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि बच्चों की जरूरतों और अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाई जा सके।
हर साल 14 नवंबर के दिन सभी स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में निबंध प्रतियोगिता,चित्रकला प्रतियोगिता,सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल आयोजित किए जाते हैं, जिससे बच्चों को खास और मूल्यवान महसूस कराया जा सके|
बाल दिवस के इस निबंध में हम आपको बताएंगे कि यह कब और क्यों मनाया जाता है, इस दिन किन नेताओं को सम्मानित किया जाता है, इस दिन स्कूल और विश्वविद्यालयों में इसका आयोजन कैसे किया जाता है?
बाल दिवस के इस निबंध लेखन के माध्यम से छात्र अपनी राय और रचनात्मकता को व्यापक और स्पष्ट रूप से प्रकट कर सकते हैं। निबंध लेखन कई प्रकार का हो सकता है, जिसमें संक्षिप्त से लेकर दीर्घ निबंध भी शामिल हैं। आप इस निबंध का उपयोग अपने स्कूल और कॉलेज में बाल दिवस पर होने वाली निबंध प्रतियोगिता में कर सकते हैं। इस लेख में आप 100 और 500 शब्दों में निबंध का नमूना देख सकते हैं-
Essay on children’s day in 100 words: बाल दिवस पर संक्षिप्त निबंध:
चिल्ड्रेन डे या बाल दिवस चाचा नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। चाचा नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम था, इसलिए ’बच्चों का दिन’ जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर 1889) पर रखा गया। नेहरू जी मानते थे कि बच्चे ही देश का उज्जवल भविष्य हैं और कल के नवीनीकृत भारत का निर्माण इन्हीं बच्चों से होगा। इसलिए वे बच्चों के विकास और कल्याण पर बहुत जोर देते थे। 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
20 नवंबर 1954 में पहली बार विश्व बाल दिवस मनाया गया था। विश्व भर में अलग अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाया जाता है लेकिन भरता में बाल दिवस या चिल्ड्रंस डे 14 नवंबर को मनाया जाता है।
Essay on children’s day in 500 words:बाल दिवस पर निबंध विस्तार से:
प्रस्तावना:
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। बाल दिवस इनके जन्मदिन के अवसर पर मानते हैं। वे मानते थे बच्चे देश का उज्जवल भविष्य हैं और देश का विकाश तभी होगा जब बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा, “यदि किसी देश के बच्चे गरीब,कमजोर और अविकसित हैं तो वह देश भी कभी विकसित नहीं हो सकता”। इसलिए 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में घोषित किया गया। बाल दिवस स्कूल और कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों द्वारा बड़े जोश और उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों में कई गतिविधियां जैसे चित्रकला निबंध प्रतियोगिता और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाता है।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
बाल दिवस पर निबंध लिखते समय सबसे पहले हमें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ये कब और क्यों मनाया जाता है
बच्चे दुनिया का भविष्य हैं। बाल दिवस का दिन बच्चों को समर्पित किया गया है ताकि इस दिवस के दिन बच्चों के आश्चर्य और पवित्रता को सम्मानित किया जा सके। बाल दिवस बच्चों के मूल्य को स्वीकारने और उनकी भलाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का समय है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू जिन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू के नाम से बुलाते थे। बच्चों के प्रति उनका स्नेह अपार था, उन्होंने बच्चों को हमेशा देश का भविष्य बताते हुए उन्हें अच्छी परवरिश और अच्छी शिक्षा का हकदार बताया।
बाल दिवस का इतिहास:
14 नवंबर 1957 को आधिकारिक तौर पर एक विशेष सरकारी आदेश द्वारा भारत में बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। पहले भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, जिस दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व बल दिवस मनाया जाता है। लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, उनके जन्मदिन की ही बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव भारतीय संसद में पारित किया गया था। जवाहर लाल नेहरू का निधन 1964 में हुआ तब से 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।
बाल दिवस का उद्देश्य:
बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और उनके पालन पोषण के महत्व को प्राथमिकता देने का हैं। इस दिन स्कूल और शैक्षिक संस्थानों में विभिन्न गतिविधियां जैसे निबंध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता, खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। यह गतिविधियों न केवल बच्चों का मनोरंजन करने के लिए बल्कि बच्चों की प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जाती हैं।
बाल दिवस हमारी सरकार और समाज को बच्चों के प्रति जिम्मेदारी याद दिलाने का अवसर है। इस दिन हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बच्चों की उचित शिक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराएंगे जिससे किसी भी बच्चे में शिक्षा और सुरक्षा का अभाव न हो और वे एक उज्जवल भविष्य की ओर अपने कदम बढ़ा सकें। बाल दिवस केवल एक उत्सव नहीं है बल्कि बच्चों के विकास और खुशहाली के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और उसे निभाने का एक प्रेरणादायक संदेश है।
बाल दिवस पर संदेश:
बच्चे देश का भविष्य तो हैं हि साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी है,कि हम उन्हें बेहतर भविष्य प्रदान करें। बच्चे वो अनमोल खजाने हैं जो अपनी मासूमियत, उत्सव और जिज्ञासा से हमारा जीवन खुशियों से भर देते हैं। हमें बच्चों को प्यार और देखभाल के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।
बाल दिवस का अवसर हमें याद दिलाता है कि बच्चों के अधिकार और कल्याण के लिए हर जरूरी कदम उठाना चाहिए और उन्हें एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना चाहिए, जिससे वे अपनी क्षमताओं को पूर्ण रूप से विकसित कर सकें।
निष्कर्ष:
बाल दिवस का दिन सीखने के साथ मनोरंजन के संयोजन का दिन है। बाल दिवस इस विचार को बढ़ावा देता है कि बच्चे आनंद लेते हुए भी सीख और पढ़ सकते हैं। बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। चिल्ड्रेन डे बचपन का उत्सव मनाने और चाचा नेहरू की विरासत का सम्मान करने एवं बच्ची भलाई एवं वकालत करने का दिन है।
FAQs
उत्तर: 14 नवंबर को बाल दिवस, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
उत्तर: बाल दिवस का जनक पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
उत्तर: बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, अधिकारों और सभी बच्चों की उचित देखभाल की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
उत्तर: 2024 बाल दिवस की थीम “प्रत्येक बच्चे के लिए, प्रत्येक अधिकार ” थी।
उत्तर: विश्व बाल दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाता है।
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